जतिन और दत्त आपस में बात कर ही रहे थे , की तभी दत्त का फोन कुछ आवाज करने लगा , दत्त ने फोन फोन पर कुछ पढ़ा और जतिन से कहा " हमें जगह का पता चल गया है!" फिर दत्त ने ड्राइवर को जगह का पता बताया और बातचीत फिर से शुरू हो गई ।
जतिन दत्त से बोला " बुरा ना माने तो सर आपसे एक सवाल पूछ सकता हूं ?" हंसते हुए दत्त ने कहा "आज तुम्हारा दिन है तुम मुझसे कुछ भी पूछ सकते हो " "इतने सारे समाचार चैनलों के होते हुए सिर्फ हमारे चैनल को ही क्यों चुना गया " जतिन ने पूछा , "शायद हमारे अच्छे दिन आने वाले हैं " दत्त बोले । "ये सब छोड़ो हम सब पहुंचने ही वाले हैं , मैं चाहता हूं कि तुम तैयार रहो और जब तुमसे कोई कोड पूछे तो कहना "OP7" थोड़ी देर बाद गाड़ी निश्चित स्थान पर पहुंच गई ।
दत्त ने कहा " अब सब कुछ तुम पर निर्भर करता है हमारा सफर यही तक का था फिर मिलते हैं " जतिन गाड़ी से उतरा और दत्त वहां से चल दिए।
थोड़ी देर बाद वहां एक काली LEXUS गाड़ी आकर रुकी और उससे एक गोरा व्यक्ति उतरा पहनावे से किसी विदेशी एजेंसी का अफ़सर जान पड़ता था , वह जतिन के पास आकर खड़ा हो गया और उससे जतिन से पूछा "सर कोड ? " जतिन ने दत्त के दिए कोड को दोहराया " OP7" अफ़सर बोला " धन्यवाद सर मेरा नाम HARALD है और मैं " AMERICAN FADERAL DEPARTMENT" का एक ऑफिसर हूं , इस ऑपरशन की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुझे सौंपी गई है आप मेरे साथ गाड़ी में चलिए " कहकर वह चलने लगा । जतिन ने चलते हुए कहा "आप विदेशी होकर इतनी अच्छी हिंदी कैसे बोल लेते हैं ? " हरॉल्ड ने कहा " ये हमारा काम है सर मुझे हिंदी और अंग्रेजी के साथ - साथ 5 भाषाएं और आती हैं " गाड़ी में बैठने से पहले उसे जतिन की एक स्कैनर से जांच की और फिर उसे अन्दर बैठने को कहा ।
दोनों अन्दर बैठ गए तब हराल्ड ने एक कप जतिन की तरफ कर दिया , जतिन ने पूछा " यह क्या है ?" " कुछ खास नहीं बस एक syrup घबराहट कम करने के लिए " हराल्ड बोला , जतिन ने लिक्विड पी लिया फिर हराल्ड ने ड्राइवर को चलने का इशारा किया , " कुछ ठीक नहीं लग ..... " कहकर जतिन बेहोश हो गया ।
जब जतिन को होश आया तो उसने देखा की वह अभी गाड़ी में ही है और हराल्ड उसके सामने ही बैठा है , जतिन अचानक डरकर खड़ा उठा और बोला " तुमने मुझे क्या पिलाया ? " , हराल्ड बोला " Congrats Mr. जतिन अपका कार्य वाकई काबिलेतारिफ था , आपकी कम्पनी ने आपके बारे में सही ही कहा था आपका काम अब हो चुका है आप अब घर जा सकते हैं " जतिन के समझ में कुछ नहीं आ रहा था वह हस पड़ा और कहने लगा " अभी तो हम मिले हैं और आपने दोस्तों की तरह मजाक भी शुरू कर दिया " पर बाद में उसका चेहरा देखकर वह इतना तो समझ गया कि वह मजाक तो नहीं कर रहा है , जतिन कुछ पूछता इससे पहले हारल्ड बोला " सर अब आपको जाना ही होगा आपके लोग आते ही होंगे " ।
जतिन गाड़ी से उतरा और हराल्ड वहां से चल दिया , हराल्ड के वहां से जाते ही कुछ लोग पास की गाड़ी से उतरे और जतिन को पकड़ लिया इससे पहले की वह कुछ समझ पाता उन्होंने उसे एक इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया , जब उसे होश आया तो उसने खुद को एक बंद कमरे में कुर्सी से बंधा हुआ पाया और उसके सामने एक ओर आदमी बंधा हुआ था , जतिन ने उससे पूछा कि " उसे यहां क्यों लाया गया है ? " मेरा नाम प्रीतम है मैं एक स्कूल में जर्मन पढ़ाता हूं ये लोग आपसे पूछताछ करना चाहते हैं इसलिए मुझे बुलाया है " तब तक एक व्यक्ति वहां आया और प्रीतम से कुछ बोला , प्रीतम ने हिंदी में बोला " ये जानना चाहते हैं कि तुमने वहां क्या - क्या देखा ? " " कुछ नहीं ! वो मुझे कहीं लेकर ही नहीं गए "जतिन बोला , प्रीतम ने अनुवाद किया और बोला " ये कह रहे हैं की तुम वहां पूरे एक महीने थे समाचार में तो तुम्हारी मृत्यु की खबर तक आ गई थी अगर तुम वहां नहीं थे तो कहा थे ?"
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